नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकालकालं गणेशाधिपालम् । जय जय https://shivchalisas.com